मेरे प्यार भरे खत दरिया मे बहाने के लिए
मेरे प्यार भरे खत दरिया मे बहाने के लिए
वो आए है आज फिर मुझको रुलाने के लिए
जो शमा-ए-इश्क़ दिल मे जलाई है हमने उनकी खातिर
आँधिया आई है आज उसको बुझाने के लिए
दाग-ए-बेवफ़ाई यूँ धुलते है खूने-ए-जिगर से
आदिन जैसे परिंदे झील पर आए नहाने के लिए

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